T20 क्रिकेट विश्व कप का खुलासा, पैसों का खेल

Riyajuddin Ansari
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क्या आप जानते हैं कि इंडिया के वर्ल्ड कप से बाहर होने के बावजूद भी इंडियन क्रिकेट टीम को 120000$ का प्राइस मनी मिलेगा आईसीसी की तरफ से|


क्या कभी आपने सोच कर देखा है कि जब भी यह वर्ल्ड कप होता है T20 का सबसे ज्यादा पैसे कौन कमाता है| क्या विनिंग टीम यहां पर सबसे ज्यादा प्रॉफिट काम आती है या फिर जो लोग टूर्नामेंट ऑर्गेनाइज करवाते हैं| या फिर वह देश जहां पर यह टूर्नामेंट होता है|


या फिर आईसीसी ICC (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) चलिए समझते है,क्या है इनका बिजनस इस T20 वर्ल्ड कप का, सबसे बेसिक और सिंपल चीज से शुरू करते हैं जिसके बारे में शायद हर कोई जानता है| प्राइस मनी जो टीम इस T20 वर्ल्ड कप को जीतती है उसे 1.6 मिलियन डॉलर्स का कैश प्राइज मिलता है|

किस टीम को कितना प्राइस मनी 


जो फाइनल में हारी हुई टीम होगी उसे 8 लाख डॉलर का कैश प्राइस मिलता है, और जो दो सेमी फाइनलिस्ट होंगे हारने वाले उन्हें चार लाख डॉलर का प्राइस मनी मिलेता है| लेकिन इसके अलावा जो भी टीम सुपर 12 की स्टेज में कोई भी मैच जीतेगा उन्हें हर मैच की जीत के लिए 40000$ का इनाम मिलता है|


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यही कारण है कि इंडिया वर्ल्ड कप से बाहर भी हो जाये लेकिन इंडिया 3 मैच भी जीतेगा तो 40000$ पर मैच 120000$ का कैश प्राइज इंडियन टीम को भी मिलेगा,टोटल 5.6 मिलियन डॉलर का प्राइस मनी है जो इस टूर्नामेंट में दिया जाता है| और कौन इस प्राइस मनी का खर्च उठाता है|


ICC आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) जो दुनिया की गवर्निंग बॉडी है क्रिकेट को लेकर, इसके अलावा ICC के कई और खर्च होंगे अंपायर की जो सैलरी होती है, कमेंटेटर की जो सैलरी होती है, यह सब भी आईसीसी को ही पे करनी पड़ती है,क्योकि ये पूरा टूर्नामेंट आईसीसी ही ऑर्गेनाइज करवाता है|

एम्पायर की सैलरी 


आईसीसी ने इलीट पैनेल बनाया है एम्पायर का और जो कोमेंटेटर है उनकी तीन कटेगरी में डाला है उधारन के तौर पर,जैसे एक अंपायर की साल भर की सैलरी हो सकती है 35000 डॉलर से लेकर 45000 डॉलर्स के बीच में यानी एप्रोक्सीमेटली 24 लाख से 31 लाख रुपए की सैलरी और इसके अलावा इन्हें हर मैच के लिए अंपायर्स को अलग से फीस भी मिलती है, हजार डॉलर के आसपास|


credit @ICC Cricket


T20 मैच की सैलरी होती है अंपायर की, लेकिन इन सब खर्चों के लिए ICC को पैसा कहां से मिलता है क्या सोर्सेज ऑफ़ रेवेनुए है आईसीसी के लिए जब यह वर्ल्ड कप कराया जाता है| सबसे पहली कमाई का जरिया उनके लिए ब्रॉडकास्टिंग राइट्स जो यह टीवी चैनल और स्ट्रीमिंग सर्विसेज को देते हैं|


बेसिकली परमिशन की वह अपने चैनल पर इस मैच की स्ट्रीमिंग कर सकते हैं जिस पर आप देख सके इस मैच को  इसके बदले यह टीवी चैनल और स्ट्रीमिंग सर्विस उसके पैसे देते हैं आईसीसी को उधारण के तौर पे आप सारे मैच स्टार स्पोर्ट्स पर देखते हैं, क्योंकि आईसीसी ने एक डील कर रखी है स्टार स्पोर्ट्स के साथ की जितने भी मेजर टूर्नामेंट होगी ICC के सब के सब स्टार स्पोर्ट्स चेनेल पर ही देखने को मिलेंगे|

ICC को पैसा कहा से मिलता है 


2023 में यह डील करी गई थी इसके बदले स्टार स्पोर्ट्स ने ICC को 1.98$ बिलियन डॉलर दिए है|लगभग 14 हजार करोरड रुपए इसके अलावा आईसीसी को पैसा मिलता है अपने स्पॉन्सर निसान,ओप्पो, एमआरएफ टायर्स, booking.com, बाईजूस, और एमिरेट्स यह ग्लोबल पार्टनर्स है T20 वर्ल्ड कप 2021 से तो ये टॉप कंपनी है जो स्पॉन्सर कर रही है|


इन कंपनी की ऐड हो जाती है जिसके बदले यह आईसीसी को पैसे देते हैं स्पॉन्सरशिप कई अलग अलग स्पॉन्सर होते हैं जिन्हें अलग कैटिगरीज में डिवाइड किया जाता है जैसे कि ग्लोबल पार्टनर्स कैटिगरी पार्टनर्स सोशल मीडिया पार्टनर्स अब एक्जेक्टली कितना पैसा आता है इन स्पॉन्सरशिप से आईसीसी के पास|


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यह फिगर पब्लिक के लिए अवेलेबल तो नहीं है लेकिन इस आर्टिकल के लास्ट में आपको कुछ अंदाजा जरूर मिल जायेगा स्पॉन्सरशिप के पैसों का लेकिन जो भी अबतक आपको पता चला है ये सब ICC के पर्सपेक्टिव से बताया है, अब जानते है उन सारी चीजो को होस्टिंग कंट्री के प्रोस्पेक्टिव से यानी जिस देश में यह टूर्नामेंट करवाया जाता है, उस देश को क्या मिलता है|

होस्टिंग कंट्री को क्या मिलता है 


उस देश की सरकार को क्या मिलता है इसका जबाब इतना सीधा नही है बहुत से इनडायरेक्ट फायदे है जिन्हें कैलकुलेट करना थोड़ा मुश्किल है, अगर डायरेक्टली बात करें तो दरअसल टूरिज्म का पैसा जिस भी देश में वर्ल्ड कप को होस्ट कराया जाता है, स्टेडियम में मैच को देखने फॉरेनर्स भी आते हैं और जब टूरिस्ट आ रहे हैं उस देश में तो जाहिर है टूरिज्म के साथ पैसा भी आता है|


छोटे से टाइम में बहुत से एंप्लॉयमेंट जनरेट होती है, क्योंकि इतने सारे टूरिस्ट आने लग रहे हो उस देश में स्टेडियम के आसपास जो भी रेस्टोरेंट है बार है, होटल है, उनका बिजनेस बहुत ज्यादा बढ़ जाता है सारे होटल बुक टाइट हो जाते हैं सारे रेस्टोरेंट फुल हाउस मिलता है, जाहिर है इससे देश की इकोनॉमी प्रदेश के जीडीपी पर पोटेंशियल एक पॉजिटिव इंपैक्ट पड़ता है|


इसके अलावा अगर देश बाकी दुनिया को दिखा पता है कि इन्होंने सक्सेसफुली वर्ल्ड कप होस्ट कर लिया है तो  देश की स्टेबिलिटी जाहिर होती है सॉफ्ट पावर बढ़ती है देश की, इसकी वजह से और लोग इन्वेस्ट करना चाहेंगे इस देश में फौरन इन्वेस्टमेंट बढ़ती है और वर्ल्ड कप की प्रिपरेशन के दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर को भी अपग्रेड करना ही पड़ता है अच्छी सड़के बनानी पड़ती है साफ सफाई रखनी पड़ती है|


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जैसे कि दिल्ली में जब 2010 में कॉमनवेल्थ हुए थे तब पुरे शहर की इन्फ्रास्ट्रक्चर में एक बड़ा बदलाव दिखा था, लेकिन इन सब चीजों को करने में इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने में टूर्नामेंट के लिए प्रिपेयर करने में खर्चा भी लगता है एक कंट्री को, इसके अलावा सबसे बड़ा खर्चा क्या करना पड़ता है एक देश को जब वर्ल्ड कप होस्ट किया जाता है तो टैक्स एक्सेंप्शंस|

होस्टिंग कंट्री को टैक्स एक्सेंप्शंस


T20 वर्ल्ड कप के दौरान अक्शर जिस देश में वह T20 वर्ल्ड कप होता है वो देश टेक्स एक्सेंप्शंस देता है ICC को ये सिर्फ क्रिकेट के लिए नहीं है फीफा वर्ल्ड कप के दौरान भी यही होता है| जो भी देश होस्टिंग करती है फीफा वर्ल्ड कप के लिए वो देश एक टेक्स फ्री जोन डिक्लेयर कर देता है फीफा के लिए|


और मिलियन डॉलर्स में टैक्स एक्सेंप्शंस दी जाती है, फुटबॉल वर्ल्ड कप में तो ये गिवेन कंडीसन है की, जो भी देश होस्ट बनने की बिड जीतेगा उन्हें टैक्स एक्सेंप्शन ग्रैंड करनी पड़ेगी फीफा को उधारण के तौर पर 2006 का वर्ल्ड कप जर्मनी में हुआ था फीफा का तब स्टीमेंट किया जाता है की लगभग 215 मिलीयन यूरोस की टैक्स एक्सेंप्शन दी गई थी जर्मनी सरकार के द्वारा फीफा को|


लेकिन एक सरकार के पर्सपेक्टिव से फायदा यह है कि ओवरऑल जो टूरिज्म से रेवेन्यू आ रहा है वह इससे ज्यादा ही हो जाता है जैसे कि सेम 2006 के फीफा वर्ल्ड कप में जर्मन सरकार ने रिपोर्ट किया कि वर्ल्ड कप की वजह से जो टूरिज्म रेवेन्यू आया था वह 400 मिलियन डॉलर के आसपास तो यहाँ पर क्लियर कट प्रॉफिट हुआ सरकार के लिए|


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हर देश इतना फोर्चुनेट नहीं होता जैसे की 2014 में फीफा वर्ल्ड कप हुआ था ब्राजील में तो बहुत सारा अनेससिरिज कंसत्ट्रकशन किया गया था ढेर सरे प्रोटेक्स हुए थे करप्शन के एलिगेशन भी लगे थे| और ब्राजील को कहा जाता है कि ओवरऑल लॉस उठाना पड़ा था यह वर्ल्ड कप करने की वजह से|

ब्राजील की सर्कार पर इलज़ाम 


जो खर्च ब्राज़ील की सर्कार ने उठाया था वो 15 बिलीयन डॉलर्स का था लेकिन सिर्फ 13.2 बिलीयन डॉलर्स का प्रॉफिट एस्टीमेट किया गया था| साथ ही साथ ढेरो प्रोटेस्ट हुए थे जब सर्कार को क्रिटीसाईड किया गया था कहते कि सरकार स्टेडियम पर पैसे क्यों बर्बाद कर रही है, जबकि एजुकेशन और हेल्थ केयर के लिए वहां पर डेसपरेट नीड थी ब्राज़ील में|


सामान सिचुएशन बताए जा रहा है की साउथ अफ्रीका में भी हुई थी जब फीफा वर्ल्ड कप साउथ अफ्रीका में करवाया गया था हालांकि दोनों देशों की सरकार कहती है कि, जब उनके देश में वर्ल्ड कप हुआ था तो वह सक्सेस था अब आज के दिन जो T20 वर्ल्ड कप हो रहा है इसकी कहानी भी बड़ी दिलचस्प है|


अगर आप होस्टिंग कंट्री के पर्सपेक्टिव से देखो ओरिजिनली प्लान किया गया था की वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया में होगा लेकिन उसके बाद कोविड-19 पेंड़ेमिक आ गया इसकी वजह से ये वर्ल्ड कप पहले तो पोस्पोन कर दिया गया इसकी वजह से 2020 में होना था 2021 में हो रहा है| फिर इंडिया ने ऑफर किया कि इंडिया में होस्ट कर लेते हैं इस वर्ल्ड कप को 2021 में|


credit @Business Standard


लेकिन कुछ प्रॉब्लम हो गई न्यूज़ पेपर में रिपोर्ट आई की बीसीसीआई को 906 करोड रुपए का भारी टैक्स भरना पड़ सकता है अगर सेंट्रल गवर्नमेंट पूरी टैक्स एक्सेंप्शन नहीं देता इस आईसीसी वर्ल्ड कप को होस्ट करने की अगर सरकार पार्शियल टैक्स एक्सेंप्शन देती है तो भी बीसीसीआई को 227 करोड़ रूपीस का टैक्स पे करना पड़ सकता है इस T20 वर्ल्ड कप को होस्ट करने के लिए|

BCCI को भारी टेक्स 


बात यह है की इंडियन गवर्नमेंट हमेशा काफी स्लो रही है इन चीजों में टैक्स एक्सेंप्शन ऑफर करने में 2011 में भी जब 50 ओवर वर्ल्ड कप हुआ था इंडिया में मनमोहन सिंह की सरकार ने टैक्स एक्सेंप्शन को लास्ट मिनट तक अप्रूव नहीं किया, लास्ट मिनिट उसे फिर भी ग्रैंड कर दिया गया था जब प्राइम मिनिस्टर मनमोहन सिंह ने इंटरव्यू किया था|


उसके बाद 2016 में जब इंडिया ने T20 वर्ल्ड कप होस्ट किया था तब नरेंद्र मोदी की सरकार ने सिर्फ 10% टैक्स एक्सेंप्शन दी थी तो आईसीसी ने 23.75 मिलियन डॉलर अपने पास विद हेल्थ कर लिए थे जो बीसीसीआई को मिलने थे और ये एक ऐसा ईसू है इन दोनों के बीच में आईसीसी और बीसीसीआई के बीच में जो आज तक सोल्व नहीं हुआ है|


जैसा की आपको फीफा के बारे में बताया गया था ऐसा ही आईसीसी के साथ भी है आईसीसी कोशिश करता है कि पहले ही टैक्स एक्सेंप्शन को सिक्योर कर ले जिस भी देश में वह वर्ल्ड कप को होस्ट करने वाला है उसी के बाद भी उस देश को होस्टिंग के राइट्स दिए जाएं| लेकिन बीसीसीआई फेल हो गया टैक्स एक्सेंप्शन को सिक्योर करने में इंडियन गवर्नमेंट से|

 

credit @ESPNcricinfo

इसी के बाद ही फैसला लिया गया की इस T20 वर्ल्ड कप को यूनाइटेड अमीरेट्स और ओमान में होस्ट कराया जाएगा ऐसा माना जाता है, ऑफीशियली BCCI ने एक ही कारण बताया है कोविड सिक्योरिटी और सेफ्टी का कंसर्न जिसकी वजह से इंडिया में नहीं हुआ यह वर्ल्ड कप बल्कि UAE और Oman में कराया गया|

BCCI के पैसे कमाने के जरिए 


लेकिन कई एक्सर्ट मानते हैं की,टेक्स का पैसा बचाना यहां पर मेन परपस था अब चीजों बीसीसीआई प्रोस्पेक्टिव से देखे तो बीसीसीआई इंडिया की क्रिकेट की बॉडी है और आईसीसी से अलग है तो बीसीसीआई के पास अपने कई जरिया है कमाई का, पहला है ब्रॉडकास्टिंग रिवेन्यू से मिलता है ICC से और आईसीसी हर क्रिकेट बोर्ड के साथ ये करता है कुछ हिस्सा कमाई का अपना बांट देता है बाकी क्रिकेटिंग बोर्ड्स में|


लेकिन बीसीसीआई का भी मेन सोर्स रेवेन्यु है स्पोंसरशिप जो मेन क्रिकेट स्पोंसर है BCCI का वह है MPL स्पोर्ट्स 2023 तक इन्होंने डील कर रखी है, तो BCCI इन्हें राईट देता है की ये मर्चनडाई सेल कर सके इसके लिए MPL का बेस प्राइस है 65 लाख हर मैच और 3 करोड रुपए हर साल जो BCCI को दिए जाते है|


अब ये मर्चेंट्स पार्टनर अलग है जर्सी स्पॉन्सर से जर्सी स्पॉन्सर वो होता है जो इंडियन क्रिकेट टीम की जर्सी के ऊपर प्रिंट होता है जिस कंपनी का नाम इस केस में वह है बईजूस  अब इंडियन क्रिकेट टीम के जर्सी स्पॉन्सर की भी एक बड़ी इंटरेस्टिंग हिस्ट्री रही है| सबसे लंबे समय के लिए जो कंपनी जर्सी स्पॉन्सर रही थी इंडियन क्रिकेट टीम के लिए वह थी सहारा|


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सहारा ने 2003 में शुरू किया था 2013 तक की जर्सी स्पॉन्सर रहे थे, लेकिन एक इंटरेस्टिंग फैक्ट यहां पर 2003 में जो क्रिकेट वर्ल्ड कप हुआ था वहां पर इंडियन क्रिकेट टीम की जर्सी पर कोई भी स्पॉन्सर नहीं था ऐसा इसलिए क्योंकि आईसीसी ने एक रूल रखा है, आईसीसी जो भी स्पॉन्सर लेगा अपने बाकी कोई भी क्रिकेट बोर्ड उनके कंपटीशन में कोई स्पोंसर नही लेगा|

आईसीसी  स्पॉन्सरशिप 


आईसीसी का उस समय में मेन स्पॉन्सर था साउथ अफ्रीकन एयरलाइंस और सहारा कंपनी एयर लाइन बिज़नस में मौजूद थी इसलिए कंफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट था यहां पर इसलिए इंडियन टीम के जर्सी पर कोई भी स्पॉन्सर नही था|


2013 तक सहारा स्पोंसर रहा उसके बाद स्टार इंडिया 3 साल के लिए स्पोंसर बना फिर ओप्पो 2 साल के लिए और अब बईजूस सब मिला जुला कर देखा जाये तो रिपोर्ट्स के अनुसार एस्टीमेट किया जा रहा है कि बीसीसीआई सिर्फ इस T20 वर्ल्ड कप से 12 मिलियन डॉलर्स के आसपास कमाई तो अभी तक अपने इस बिज़नस मॉडल को देखा ICC होस्टिंग कंट्री और बीसीसीआई के पर्सपेक्टिव से|


ब्रॉडकास्टर यानी जिस टीवी चैनल पर इन मैच को दिखाया जा रहा है हमारे केस में है यह टीवी चैनल स्टार स्पोर्ट्स जैसा की सुरु में बताया था आपको स्टार स्पोर्ट्स ने काफी मिलियंस डॉलर्स दिए हैं आईसीसी को यह ब्रॉडकास्टिंग राइट्स लेने के लिए तो स्टार स्पोर्ट्स कहां से पैसा कमाता है|


credit @SportsMint Media

इसका जवाब है, स्पॉन्सर इस प्रेजेंट T20 वर्ल्ड कप के लिए मेन स्पॉन्सर है स्टार स्पोर्ट्स,बईजूस, dream11 विमल और कोका-कोला और एक मजेदार चीज यहाँ पर 2700 सेकेंड्स कमर्शियल एड टाइम दिया जाता है एक T20 वर्ल्ड कप क्रिकेट मैच के लिए मतलब एक मैच जो आप वर्ल्ड कप का देख रहे हो उसमे 2700 सेकंड्स का एडवरटाइजमेंट आप देखते हो|

कमर्शियल ऐड टाइम और पैसे 

 

लेकिन आईपीएल में यही टाइम दिया जाता है 3000 सेकंड्स का अगर कभी आपने नोटिस किया हो तो IPL में ज्यादा ऐड दिखाई जाती है टीवी चैनल पर T20 वर्ल्ड कप के कंपैरिजन में, एक्जेक्टली क्या रेट होता है स्पोंसरशिप का रिपोर्ट किया गया है की,इस वर्ल्ड कप के लिए अराउंड 10-11 लाख रूपए हर 10 सेकंड के ऐड का अगर किसी कंपनी को ऐड देनी है तो 10 सेकंड के 10-11 लाख देने होंगे|


कोप्रेजेंट करना है अगर किसी कंपनी को ये टूर्नामेंट तो 55-60 करोड़ रूपीस एस्टीमेट किए गए हैं और एसोसिएट स्पॉन्सरशिप के लिए 3240 करोड़ रूपीस एस्टीमेट किए गए है, यह अनुमान लगाया गया है की,ब्रोडकास्टर इस केस में 1200-1250 करोड़ रूपीस का ऐड रिवेन्यू एक्सपेक्ट कर सकता है कामना इस स्पेसिफिक T20 वर्ल्ड कप से|


टीवी चैनल स्टार स्पोर्ट्स है तो ऑनलाइन ब्रॉडकास्टिंग के राइट्स दिए गए हैं डिज्नी+ हॉटस्टार स्ट्रीमिंग एप को अब आप ये समझ सकते हो की IPL ज्यादा प्रोफिटेबल क्यों होता है,सिंपल रीजन है हर एक मैच में ज्यादा इन्वेंटरी दी जाती है एड्स के लिए इसका मतलब है ज्यादा स्पोंसरशिप का पैसा आएगा आईपीएल में|


 


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