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मामला क्या है और ये विवाद कहां से जुड़ा हुआ है आईपीएल 2011एक टीम आई थी कोच्चि टस्कर्स लोगों ने पसंद भी किया इस टीम को उस दौरान दो टीम आई थी आईपीएल में पुणे वॉरियर्स भी आई थी और कोच्चि टस्कर्स आई थी, लेकिन कोच्चि की टीम एक ही सीजन खेल पाई उसके बाद उसको आईपीएल से हटा दिया गया|
इसमें कई सारी वजह थी लेकिन अगर आप देखेंगे जो सबसे बड़ी वजह थी वहीं कहीं ना कहीं विवाद की वजह बन गई तो ऐसे में अब BCCI को 539 करोड़ देने की कहां से जरूरत पड़ गई बीसीसीआई जो है वह क्यों बार-बार कोर्ट में जा रहा है शिकायत कर रहा है कि, यह मामला गलत है|
कोच्चि टस्कर्स की तरफ से क्या कहा गया?
चलिए जानते है की पूरा मामला क्या है, साल 2011 में आईपीएल में कोच्चि टस्कर्स की एंट्री होती है 1550 करोड रुपए में इस टीम को खरीदा जाता है एक साल बाद इस टीम का कॉन्ट्रैक्ट जो है वह बीसीसीआई की तरफ से टर्मिनेट कर दिया गया वजह जो थी वह यह थी कि फ्रेंचाइजी ने 10 फ़ीसदी की बैंक गारंटी समय पर नहीं दी है बैंक गारंटी जो है वह फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट का एक हिस्सा था जो की सभी टीमों के लिए जरूरी होता है|
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credit @Asianet Newsable |
इस फैसले के खिलाफ तब भी बीसीसीआई गई थी लेकिन वहां पर बीसीसीआई को झटका ही लगा तो जो 539 करोड़ है इसमें जो केरल की टीम है KCPL और उसी में इंक्लूड रिलिजियस को 135 करोड़ मतलब ये सब मिला कर 539 करोड़ देने थे लिहाज़ा बीसीसीआई उस फैसले को तब भी मुंबई हाई कोर्ट में चुनौती दी थी और एक बार फिर से कोर्ट की तरफ से आया कि, देखिए मामला बहुत लंबा हो चुका है|
IPL में 1550 करोड़ की टीम एक ही सीजन खेल पाई
आपको यह 539 करोड़ जो है वह उनको देने पड़ेंगे अब इस फैसले के खिलाफ फिर से बीसीसीआई कोर्ट जा सकती है करीब 6 सप्ताह का यहां पर समय रहने वाला है BCCI के पास देखते है इस मामले में आगे क्या होता है| लेकिन जहां तक चांस लग रहा है के BCCI को 539 करोड़ जो रकम है ये केरल की टीम को देने पड़ सकते है|
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credit @Mathrubhumi English |
क्योंकि जिस तरीके से उसकी 1550 करोड़ में टीम खरीदना फिर अचानक से जब एक ही साल में उनको हटा देना तो उनका घाटा ठीक-ठाक हुआ वहां पर देखते है आगे क्या होता है, लेकिन केरल कोच्चि की टीम एक ही साल खेली है लेकिन इसने BCCI को परेशान करके रख दिया है|
रविन्द्र जडेजा IPL की जर्सी में आप लोगो को कहा कहा याद आते है|चेन्नई सुपर किंग्स में इन्होने कप्तानी भी करी फिर आपको याद आ रहे होंगे कि रविन्द्र जडेजा राजस्थान रॉयल्स जिन्होंने बाद में आईपीएल देखना सुरु किया हो उनको सायद पता ना हो लेकिन जो चैंपियन बनी थी आईपीएल की फर्स्ट चैंपियन वहां पर जड़ेजा का रोल था और अहम रोल था|
फिर बीच में एक टीम थी कोच्चि टस्कर्स केरला वहां से भी जड़ेजा ने खेला और उस टीम को अब बीसीसीआई को देने हैं 539 करोड़ और बाद में भी जो चर्चा है और जो पूरा डिस्कशन है आज क्या कोच्चि टस्कर्स की अब वापसी हो जाएगी आईपीएल में क्या कोच्चि टस्कर्स केरल जो आईपीएल 10 टीमों का हो रहा है वह 11 टीमों का हो जाएगा|
BCCI देगी 550 करोड़
ऐसी चर्चा पहले भी हुई थी लेकिन यह पूरा विवाद कोच्चि टस्कर्स और बीसीसीआई का है क्या यह आपको समझाएंगे यह बात जाती है 2011 में 2011 में एक सीजन खेला वहीं से टर्मिनेट हो गई, टर्मिनेट क्यों हुए फिर ये पूरा लीगल पैटर्न क्यों चला, 2015 में जब कंपनसेशन डिसाइड की गई कि 550 करोड़ जो BCCI को देने पड़ेंगे कोच्चि टस्कर्स को तब कोच्चि टस्कर्स का ये इंटरेस्ट था कि कैश की बजाय हम आईपीएल में वापस रीएंट्री चाहते हैं|
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credit @India Today |
रिएंट्री का क्या है क्या रीएंट्री अब होगी क्या आईपीएल अब अगले साल से 11 टीमों का हो जाएगा इस पर बात करेंगे लेकिन सबसे पहले आपको जो है पूरा का पूरा मुद्दा समझाएं और यह आपको बता दे की लीगल बैटल था क्या लीगल बैटल पैसों की एक तरीके से इंवॉल्वमेंट यहां पर थी और अभी क्या हुआ है|
टाइमलाइन कैसे 2011 सितंबर से लेकर आज हम जून 2025 में खड़े क्या कुछ हुआ है 2011 में 1 दिन की एंट्री खेला था और परफॉर्मेंस इतनी अच्छी नहीं थी लेकिन खिलाड़ी आपको याद आते हैं कि केरला का नाम केरल में हम बार-बार कहते हैं अभी भी लोग कहते की टीम होनी चाहिए केरला से संजू सैमसंग की पापुलैरिटी श्रीशांत उस वक्त पर इसी टीम से खेल बाकी इस टीम को याद रखा जाता है जो सचिन तेंदुलकर ने आईपीएल में शतक मारा था उसके लिए|
बीसीसीआई ने क्या कहा?
BCCI करेंटली क्या हुआ है की मुम्बई हाई कोर्ट में अपील थी यह अपील थी जिसको जो है डिसमिस कर दिया गया है BCCI अपील थी वही जो कंपनसेशन को लेकर है मुम्बई हाई कोर्ट में और अभी डिसमिस कर दी गई है BCCI ने क्या किया था टर्मिनेट कर दिया था कोच्चि टस्कर्स केरल को सितंबर 2011 में और वजह क्या थी वह था ब्रीच आफ फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट हर एक फ्रेंचाइजी जब बनती है जब जुड़ती है तो ये एग्रीमेंट होता है|
BCCI का कहना था की कोच्चि टस्कर्स ने जो है जो एग्रीमेंट है उसको तोड़ा है उस एग्रीमेंट में क्या हुआ था क्या वहां पर जो है ब्रीच रहा था, वह ये था की एक ही सीजन खेला और उस सीजन के तुरंत बाद कोच्चि टस्कर्स फेल हो गई थी बैंक गारंटी शो करने में बीसीसीआई को, और फेलियर था (टू प्रोवाइड बैंक गारंटी) और जो उसका वक्त था समय सारणी जो हम कहते कि मार्च 2011 तक आपको शो करनी थी|
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credit @India Today |
BCCI ने समय दिया BCCI का ये कहना था की हम बार-बार कह रहे थे लेकिन हमें कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा था हमने तो यह भी कहा कि अगर आप लेटर पर लिखकर दे दो किस तरीके से आप कब तक दोगे तो हम इस चीज को जो है फिर भी आगे जो है बढ़ाएंगे ऐसा नहीं करेंगे आपको टर्मिनेट करेंगे लेकिन बाद में ये बात आई की कोच्चि टस्कर्स ने कहा कि हमें गलत तरीके से टर्मिनेट किया गया है|
दो अलग-अलग पार्टी इंवॉल्व
आपने जो टर्मिनेशन किया वह भी कहीं से वैलिड नहीं था इस तरीके की बातें सामने आई लेकिन जब वही मार्च से लेकर सितंबर तक मामला आया तो जब आपकी बैंक गारंटी वहां पर शो नहीं हुई थी तो आपको जो टर्मिनेट कर दिया गया था अब इसमें जो है दो अलग-अलग पार्टी इंवॉल्व थी जो एक तरीके से यह टीम चलाते थे, कोच्चि टस्कर्स जिसमें RSW स्पोर्ट्स वर्ल्ड और केरल क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड इनका एक कांबिनेशन था जो इस तरीके से पूरी टीम को चला था|
इन्होने क्या किया आर्बिट्रेशन प्रोसीडिंग्स से यहां पर शुरू करी और आर्बिट्रेट ने जो हमने आपको बातया की अलग-अलग हिससे में कैसा था 385.50 करोड़ वह कहा कि KCPL को देने पड़ेंगे BCCI को और 153.34 करोड़ वह देने पड़ेंगे RSW को अब उनका उस टाइम पर कहना था कि यह टर्मिनेशन आपने किया है वह टर्मिनेशन अन जस्टिफाईड है और डिस्प्रापोर्शनेट है और इसमें तमाम बातें थी|
उस टाइम पर कोच्चि टस्कर्स ने ये मुद्दा भी उठाया थोड़ा स्टेडियम रिलेटेड भी था फिर उन्होंने यह भी बात करी की जिस तरीके से हमें मैचो की संख्या बताई गई थी उस टाइम पर पहले बात होती की हर एक टीम से 18 मैच खेलेगी फिर वह मैच 14 हो गए थे|
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credit @InsideSport |
मैचो की संख्या कम हुई है तो उनका यह कहना था की एग्रीमेंट में भी जो है उस तरीके से सभी चीज़ फॉलो नहीं हुई और जो आपने कुछ तस्वीरें देखी जो आपको सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी करते हुए दिखे वो उसी मैच में उन्होंने शतक भी लगाया था, तो यह पूरा का पूरा मुद्दा उस टाइम चला और जो हम काम कह रहे है की अवार्ड से वह तकरीबन जब 2015 में बात आई थी तब 550 करोड़ की बात हुई|
कोर्ट ने दिया 6 हफ्ते का वक्त
और अभी जो उनका कहना है, 539 करोड़ का आंकड़ा सामने आया है इसको सिंगल जज बेंच मुंबई हाई कोर्ट में इस मामले को देख रहा था जहां जस्टिस रियाज आई चावला ने क्या कहा है कि आर्बिट्रेटर की जो फाइंडिंग थी जो उन्होंने पूरे इस मामले में जानकारी हासिल की थी वह बिल्कुल सही थी|
उनका यह कहना है की सबकुछ मामला सही है और इसीलिए जो आप का पेनेल्टी या जो ड्यू है आपको देना पड़ेगा जो हम बात कर रहे है 539 करोड़ की, आपको यह भी बता दे कि उस वक्त पर टीम की अगर वैल्यू देखे तो तकरीबन 1555 करोड़ की टीम खरीदी गई थी और उस टाइम पर भी टीमों के खरीदे जाने पर और इन तमाम चीजों पर एडीशन पर उस टाइम भी बड़ा विवाद रहा था|
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credit @CricTracker |
लेकिन अभी क्या है बीसीसीआई ने ग्रांड किया है 6 हफ्ते का वक्त दिया गया है, अगर आपको अपील करनी है तो हाई कोर्ट के बाद आपकी अपील जो है, वह सुप्रीम कोर्ट में हो सकती है तो आपके पास 6 हफ्ते का वक्त है अदरवाइज आपको 539 करोड़ एक आईपीएल टीम को देने पड़ेंगे जिसका नाम है कोच्चि टस्कर्स केरला चलिए थोडा पीछे चलते है|
500 करोड़ की जब बात हुई थी 2015 में तो वहां पर यह आया था कि कोच्चि टस्कर्स की तरफ से मैनेजमेंट यह चाह रही है की कैश की बजाय हमारी रीएंट्री की बात करें अब री एंट्री की बात वहां पर कैसे लागू होती कैसे नहीं होती तो उसके लिए भी आपको एक आपको अपनी याचिका दर्ज करनी होती है,ये उस टाइम की बात है|
कोच्चि टस्कर्स केरला की IPL में वापसी
अभी करंट सिचुएशन क्या है यह देखना होगा की 6 हफ्ते का समय है अगर BCCI फिर से अपनी याचिका दायर करती है तो क्या हुआ की जब तक इस मामले की सुनवाई चलेगी तब तक तो आपकी एंट्री की बात नहीं हो सकती है| अगर यहाँ से सब कुछ क्लियर हो गया और उसके बाद फिर कोच्चि टस्कर्स फिर कहे की हमें एन्ट्री चाहिए तो फिर वो बात हो सकती है|
लेकिन उसकी पॉसिबिलिटी और उसकी प्रोबेबिलिटी जैसे हमने बताया आपको कहा आपको की बहुत कम है लेकिन कोच्चि टस्कर्स की जर्शी आपको याद आती है ऑरेंज से कलर की ऑरेंज और पर्पल काफी लोग कहते थे की ऑरेंज और पर्पल किसी थीम से लिया,महिला जयवर्धने कप्तान थे, ब्रेड होज़ और श्रीसंथ ये सरे नाम वह पर मौजूद थे और इस टीम को लेकर थोड़ी सी एक्साइटमेंट भी थी|
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credit @Metro Vaartha |
और बाद में काफी खिलाड़ी ने भी कहा था कि हमारा भी तो पे दो मामला क्योंकि पूरा लीगल ऐसे फंसा हुआ था फाइनेंस को लेकर तो उनको शायद उनकी फी वगैरा भी नहीं मिली थी उस पर भी जानकारी आगे हासिल करके आपको बताएँगे|
कोच्चि टस्कर्स के मालिक की गलती
और अब कोच्चि टस्कर्स को लेने हैं 539 करोड़ बीसीसीआई से तो आगे क्या होता है इस मामले में देखते है और रि एंट्री वाला मैटर अभी तो नहीं है, वहां पर गलती बीसीसीआई की थी, गलती कोच्चि टस्कर्स के मालिक की है यहां पर जीत हुई अदालत में और वह तब से क्लेम कर रहे थे कि हमें बेवजह ही आप आईपीएल की टीम से बाहर कर दिया|
अगर कोच्चि टस्कर्स की टीम आज होती तो आईपीएल में वहां कई कई ऐसे ही युवा खिलाड़ी थे, जिन्हें मौका मिलता वहां खेलने का देखिए सचिन तेंदुलकर का जो शतक आया था इसी टीम में आया था आरपी सिंह ब्रांडों मुकुलन जैसे जो खिलाड़ी थे इसी टीम का हिस्सा थे|