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credit @beIN SPORTS |
और पहले तो FIFA फीफा क्लब वर्ल्ड कप इतना कॉम्प्लिकेटेड होता नहीं था अभी इतना कॉम्प्लिकेटेड क्यों कर दिया है क्या है नया फॉर्मेट किस तरीके से टीम ड्रॉ हुई है कौन टीम किस टीम के अगेंस्ट खेलने वाली है क्या है पूरा माजरा यह आज इसकी बात करेंगे ये फीफा क्लब वर्ल्ड कप कैसे खेला जाएगा|
FIFA के लिए थोड़ी सी हिस्ट्री जानते हैं फीफा क्लब वर्ल्ड कप की तो ओरिजिन तो इसके 1950 में ही डल गए थे जब अलग-अलग कॉन्फ़िटरेशन चाहती थी कि उनकी टीम्स आपस में खेले जैसे इसकी शुरुआत साउथ अमेरिका में पहले हुई थी, कि कंट्री से बाहर भी कंपीटीशन खेले जाए|
फीफा में बेस्ट टीम कौन?
तो चैंपियंस लीग जिसको हम जानते हैं यूरोपीय कप जो होता था जिसको आज हम चैंपियंस लीग के नाम से जानते हैं| उससे पहले साउथ अमेरिका की चैंपियंस लीग शुरू हो गई थी जिसको हम आज कॉपर लीवर तो दरश इसके नाम से जानते हैं| तो साउथ अमेरिका काफी एक्टिव था कि किसी तरीके से इंटर कनफेडरेशन मैचेस हो और हमको पता चले कि एक्चुअली में बेस्ट टीम कौन है फुटबॉल की|
तो FIFA फीफा क्लब वर्ल्ड कप से पहले लगभग 40 साल तक खेला गया था इंटरकॉन्टिनेंटल कप 1960 में पहला इंटरकॉन्टिनेंटल कप खेला गया अब इसका फार्मेट सिंपल था जो चैंपियंस लीग का विनर होता है वह खेलेगा कोपल एवत लेवल के दौर इसके विनर के अगेंस्ट एक सुपर कप जैसा कंपटीशन इसको मान लीजिए|
साउथ अमेरिकन चैंपियंस लीग विनर वर्सिज यूरोपीय चैंपियंस लीग विनर उस टाइम तो यूरोपीय कप बोला जाता था उसको जब इस टूर्नामेंट की शुरुआत हुई थी तो एक मैच होता था जो यह मैच जीता था उसको घोषित कर दिया जाता था इंटरकॉन्टिनेंटल कप का विनर|
लगभग 1960 से 2000 तक तो ये चला रहा ऐसे ही, हर साल दोनों चैंपियंस लीग के विनर आपस में खेलते थे कॉपल एवल और यूरोपीय कप के फिर चैंपियन लीग हो गया और जो भी वह मैच जीता था इंटरकॉन्टिनेंटल कप का विनर बन जाता था|
फीफा की सुरुआत कब और कैसे?
सन 2000 में FIFA क्लब वर्ल्डकप की स्थापना ब्राज़ील से होती है फीफा सोचती है के बाकी कनफेडरेशन भी तो है CAF कोन्फ़िडरेसन अफ्रीकन फुटबॉल है, पोर्शियाना है एशियाई फुटबॉल कनफेडरेशन है कौन का काफ है जिसमें नॉर्थ अमेरिका की टीम खेलती है तो इन कनफेडरेशंस की टीम को भी तो लाना चाहिए किसी तरीके से इस कंपटीशन में|
2000 में फिर एस्टेब्लिश होता है फीफा क्लब वर्ल्ड कप तो इस कंपटीशन का फॉर्मेट सिंपल था 7 टीमें खेलती थी इस कंपटीशन में जहां पर 6 तो आप के जो अलग अलग कनफेडरेशंस है, उनके चैंपियंस लीग के विनर हो गए और उसके अलावा एक टीम वह होती थी, जिस कंट्री में वह कंपटीशन होता था फीफा क्लब वर्ल्ड कप जीस साल उस एक सीजन पहले के जो लीग विनर्स होते थे उसे कंट्री के वह भी फीफा क्लब वर्ल्ड कप में पार्टिसिपेट करते थे|
इसको आप ऐसे समझिए कि मान लीजिए इंडिया में होता FIFA फीफा क्लब वर्ल्ड कप तो छह टीम में होती है अपनी अपनी कनफेडरेशन की चैंपियंस लीग विनर्स एशियाई चैंपियंस लीग विनर्स होते हैं ओशियाना के चैंपियंस लीग विनर्स होते, यूएफए चैंपियंस लीग विनर होता है कोपा लिवेर्थ दौरे, अफ्रीका कनका काफ|
फीफा कप में कुल कितनी टीम होती है?
उसके बाद एक जो टीम होती वो इंडिया के पिछले सीजन की लीग विनर्स होते तो जैसे मान लीजिए मोहन बागान ने अगर लीग जीती होती पिछले सीजन तो मोहन सातवीं टीम हो जाती FIFA फीफा क्लब वर्ल्ड कप में इस तरीके से आप समझिए इसको तो 2000 में पहला एडिशन हुआ था फीफा क्लब वर्ल्ड कप का जिसको रियाल मैड्रिड ने जीता था|
उसके बाद 4 साल तक के टूर्नामेंट फिर से नहीं होता है और इसी बीच इंटरकॉन्टिनेंटल कप भी खेला जा रहा था तो 2005 से फिर फीफा ने इंटरकॉन्टिनेंटल कप को बंद किया और फिर 2005 से फीफा क्लब वर्ल्ड कप हर साल खेले जाने लगा सेम फॉर्मेट जो अभी जो आपको बताया 7 टीमों का यह टूर्नामेंटहोने लगा|
एक्सट्रैक्ट नॉकआउट टूर्नामेंट होता है ये जिसमें 60 टीम खेलती है और जहां पर कोपल लिवेर्थ प्रॉपर दौरा इसके चैंपियंस और यु एफ ए चैंपियंस लीग के चैंपियन सेमीफाइनल से इंटर करते हैं| यानी जैसे चैंपियंस लीग के जो विनर होते तो उनको सिर्फ दो मैच जीतने होते थे एक सेमीफाइनल और फाइनल क्लब वर्ल्ड कप जीतने के लिए इतना हेक्टिक टूर्नामेंट नहीं होता था सीजन के बीच में बस आपको जाना है|
नया क्लब वर्ल्ड कप क्या है?
सिर्फ 2 मुकाबले खेलने होते है और फाइनल में ही आपको कड़ा मुकाबला ज्यादातर देखने को मिलता था तो यह तो हो गया ट्रेडिशनल क्लब वर्ल्ड कप जो आज तक खेला जा रहा था| अब नया क्लब वर्ल्ड कप क्या है तो देखिए FIFA फीफा ने ये कहा कि एक हमको ऐसा कंपटीशन चाहिए जो सारे कॉन्टिनेंट्स की चैंपियंस लीग से भी बड़ा हो|
क्योंकि अभी अगर हम क्लब वर्ल्ड कप की बात करें तो इतना कोई बड़ा कंपटीशन उसको नहीं माना जाता है अनफॉर्चूनेटली हां जो बाकी कनफेडरेशंस की टीम होती है जैसे एशियाई कनफेडरेशन के जो चैंपियंस हैं या फिर जो अफ्रीकन कनफेडरेशन के चैंपियन से उनके लिए बड़ा टूर्नामेंट हो सकता है लेकिन अल्टीमेटली एक छोटा टूर्नामेंट है|
अगर आप लोअर लेवल से स्टार्ट कर रहे हैं तो 3 से 4 गेम खेलेंगे नहीं तो दो मैच से ऊपर तो अच्छी टीम में खेल नहीं थी तो FIFA फीफा ने सोचा कि क्यों ना एक ऐसा टूर्नामेंट लाया जाए जहां पर सारी टीम एक लंबे अंतराल के लिए बड़े फॉर्मेट के अंदर खेल रही हैं और हमको सारी कनफेडरेशन के मल्टीपल टीम्स मिल रही है अच्छे से अच्छी टीम मिल रही है|
वर्ल्ड की बेस्ट टीम कौन?
और फिर यह टूर्नामेंट खेलेंगे जहां पर ग्रुप स्टेज भी होगा और नॉकआउट भी होगा तब हमें सही मायने में पता चलेगा कि एक्चुअली में वर्ल्ड की बेस्ट टीम कौन है? यहां पर अगर कोई दो मैच जीत जाए जैसे चैंपियंस लीग के विनर रियाल मैड्रिड के दो मैच जीत जाते हैं, तो क्या हम कैटिगिरिकली कह सकते हैं कि वह वर्ल्ड की बेस्ट टीम है|
चैंपियंस लीग से एक बड़ा टूर्नामेंट बनाने के लिए और बहुत सारा पैसा कमाने के लिए FIFA फीफा ने एक नया टूर्नामेंट इंट्रोड्यूस किया है| क्लब वर्ल्ड कप नाम है इसका लेकिन अब इसमें सात की जगह 32 टीम हो जाती है तो जिस तरीके से फीफा वर्ल्ड कप खेला जाता है इंटरनेशनल टीम्स में सेम फॉर्मेट है इस क्लब वर्ल्ड कप का भी|
32 टीम है जहां पर 8 ग्रुप आपको देखने को मिलेंगे हर ग्रुप में चार-चार टीम होगी फिर राउंड ऑफ 16 होगा क्वार्टर फाइनल होगा सेमीफाइनल होगा और फाइनल होगा, अब जो 2025 में फीफा क्लब वर्ल्ड कप खेला जाएगा उसमें 32 टीम्स होंगे अब यह 32 टीम्स का सिलेक्शन कैसे हुआ कैसे ये टीम में क्वालीफाई हुई इस पर एकबार चर्चा करते हैं|
इस टीमो पर चर्चा करने से पहले हमको यह देखना होगा कि हर कोंफीट्रेशन को स्लोट एलोकेशन कितना कितना मिला था यानी हर कोंफीट्रेशन से हर कॉन्टिनेंट से कितनी टीम में क्वालीफाई कर सकते हैं इस टूर्नामेंट में तो एशियाई फुटबॉल कोंफीट्रेशन के चार स्लॉट है, अफ्रीका के चार स्लॉट है कोन्का कौन का यानी नॉर्थ अमेरिका जो है उसके चार स्टॉल है|
4 साल की रैंकिंग में सबसे ज्यादा रैंक
साउथ अमेरिका उसके 6 स्लॉट्स हैं ओशियाना का एक स्लॉट है, 12 स्लॉट है UFA यूएफा के और एक स्लॉट मिला था होस्ट नेशन को तो इस तरीके से आपकी 32 टीम में आएंगे इस टूर्नामेंट में हर जगह से अलग अलग तरीके से एलोकेट होके|
अब क्राईट एरिया क्या है इसमें क्वालिफिकेशन का तो यहां अगर हम एशिया की बात करें तो यहां पर इन्होंने पिछले तीन साल के चैंपियंस लीग विनर्स और जो उनकी कॉएफिशिएंट रैंकिंग में सबसे हाईएस्ट रेटेड टीम थी उनको चूज किया है तो यानी अल्हीलाल उराव रेड डायमंड,अलआईंन और उलसैन यह चार टीम है एशिया से|
सेम कॉन्सेप्ट यूज हुआ है अफ्रीका की टीम को एलोकेट करने के लिए तो अलअहली, वायदाद, ट्यूनिस और सेंड-डाउंस यह चार टीम है, जो अफ्रीका से आई हैं| कोन्का काफ पिछले 4 साल से कोन्का का चैंपियंस कप के विनर हैं जो की है मोंटेरिस सिएटल साउंड्स, लियो और पचूका|
अब आता है कनमें बॉल, तो कनमे बॉल से छह टीम में है पिछले 4 साल के कोपल लिवेर्थ तो विनर और दो स्लॉट दिए हैं जो कानमे बॉल की पिछले 4 साल की रैंकिंग में सबसे ज्यादा हाईएस्ट रैंक लैब थे, तो इस वर्चूयु से कनमे बॉल से आया है| पल्मेरास फ्लेमिंगो लुमिनेंस बोथा फोगो जो कि पिछले 4 साल के कोपा लिवेर्थ विनर थे|
पिछले 4 साल की एवरेज रैंकिंग
और दो टीम है जिनकी रैंकिंग की वजह से उनको जगह मिली है वह है रिवर प्लेट और बोका जूनियर्स अर्जेंटीना से ओशियाना से ऑकलैंड सिटी आई है और अब आती है यूएफआ की बारी अब यूएफआ ने भी सेम चीज की है कि पिछले 4 साल के चैंपियंस लीग विनर्स यानी 2021 में चेल्सी 2022 में रियाल मैड्रिड 2023 में मैन सिटी और 2024 में रियाल मैड्रिड फिर से|
उसके अलावा पिछले 4 साल की अगर आप एवरेज रैंकिंग देखेंगे यूएफआ कॉएफिशिएंट के हिसाब से तो उनमें जो टॉप रैंकिंग टीम्स थी बाकी स्लॉट उन टीमों ने भर दिए हैं| तो यूएफआ से आए हैं चेल्सी रियाल मैड्रिड मैन सिटी, बायर्न म्यूनिख, पीएसजी, इंटर मिलान, पोर्टेबल बेनिफिशियल, डॉर्टमुंड जुवेंटस, एटलेटिको मैड्रिड और रेड बुल साल्ट|
और एक स्लॉट मिला था होस्ट नेशन की एक टीम के लिए तो वह गया है इंटर मियामी को जिन्होंने जीता था 2024 का एमएलएस सपोर्टर ढाल का कंपटीशन तो इस वर्चयु से आपको आपकी 32 टीम में मिली है इस क्लब वर्ल्ड कप में और ड्रॉ होने के बाद यह टीम्स है जो आपके सामने है ग्रुप ए में है पल्मेरा सपोर्ट तो अलहली इंटर मियामी ग्रुप बी में है पीएसजी एटलेटिको मैड्रिड बोताफोगो, सीटल साउंड्स|
ग्रुप सी में है बायर्न म्यूनिख ऑकलैंड बोका यूनिवर्स बेनफी का ग्रुप डी में है फ्लेमिंगो ट्यूनिस चेल्सी और लिओ ग्रुप ई में है लिवरपूल प्लेट उर्वर एट डायमंड मॉनिटर इंटर मिलान एफ में है फुमिनेंस डॉर्टमुंड उल्सन सडाउंस ग्रुप जी में है मैन सिटी वायदा एलन जुवेंटस और ग्रुप एच में है रियाल मैड्रिड अल हिलाल पचुका एंड रेड बुल साल्ट|
इस साल की रैंक
सेम कनफेडरेशन की कोई भी दो टीम नहीं आएंगे एक ग्रुप में एक्सेप्ट यूएफआ ओबवियसली क्योंकि यूएफआ की 12 टीम में खेल रही है तो उनमें से कई सारी टीम तो आएंगे सेम ग्रुप में लेकिन उसके अलावा जैसे कनमे बॉल की कोई भी दो टीम नहीं होगी एक भी ग्रुप में और डेट गोज फॉर एवरी कनफेडरेशन यहां पर अगर हम बात करें|
दूसरी चीज की यूएफआ में भी सेम कंट्री की दो टीम नहीं हो सकती थी एक ग्रुप में जैसे चेल्सी मैन सिटी एक ग्रुप में नहीं हो सकते थे रियाल मैड्रिड एटलेटिको मैड्रिड एक ग्रुप में नहीं हो सकते थे और फिर उसके बाद सब रैंकिंग के हिसाब से भी स्लॉट डिसाइड थे कि, कौन सी टीम किस ग्रुप में जाएगी तो यह था कि जैसे यूएफआ की रैंकिंग में 5टू8 रैंक पे जो टीम्स थी वह कनमे बॉल की 12टू4 रेंक टीम के अगेंस्ट होगी|
और यूएफआ की ही नाइन टू 12 रेंक टीम जो होगी वो 1टू4 के अगेन होगी तो जैसे रियाल मैड्रिड और सलब्बर्ग इसलिए एक साथ डरो में है क्योंकि इस साल की रैंक 9 टू 12 के बीच में थी और रियाल मैड्रिड 1टू4 के बीच में थे, चेल्सी 5टू8 के बीच में थे इसलिए उनका कानमे बॉल की 1टू4 की टीम के अगेंस्ट ड्रोन निकला जो की है फ्लेमिंग|
फीफा क्लब की नई ट्रोफी
इस हिसाब से इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए एक ड्रॉ हुआ एक्सपेरिमेंट हुई ड्रॉ की और ट्रॉफी भी अनवेल हुई है यहां पर FIFA फीफा क्लब वर्ल्ड कप की नई ट्रॉफी हुई है और 32 टीमों का ये टूर्नामेंट है एक महीने लगभग ये टूर्नामेंट चलेगा टूर्नामेंट का पूरा पाथवे पहले से ही सेट है ग्रुप स्टेज के बाद नॉकआउट के लिए कोई ड्रॉ नहीं होगा|
पहले से अब हमको पता है कौन सी टीम किस टीम के अगेंस्ट खेलेगी तो विनर ऑफ़ ग्रुप एक खेलेगा रनर ऑफ ग्रुप बी के साथ ऐसे सी का विनर खेलेगा डी के रनर अप के साथ ई का विनर खेलेगा एफ के रनर अप के साथ इस तरीके से आपको, आपके राउंड ऑफ16 के मैच भी मिलेंगे|
एक और चीज है इस FIFA फीफा क्लब वर्ल्ड कप में की हर पार्टिसिपेट टीम को 50 मिलियन यूरो का अवार्ड तो ऐसे ही दिया जा रहा है तो इंसेंटिव भी है तो 50 मिलीयन यूरो हर टीम कमा रही है सिर्फ इस कंपटीशन में पार्ट लेने से ही 2025 का फीफा क्लब वर्ल्ड कप खेला जाएगा यूनाइटेड स्टेट्स में जो की होगा जून 15 से लेकर जुलाई 13 तक|
और एक वर्ल्ड कप जैसा ही टूर्नामेंट अब आप समझ लीजिए इसको और ये इसलिए भी हो रहा है क्योंकि अगला जो फीफा वर्ल्ड कप है 2026 का वो भी यूनाइटेड स्टेट्स मेक्सिको और कनाडा में हो रहा है तो एक तरीके से प्रीपरेशन भी हो जाएगी जो टीम वर्ल्ड कप होस्ट कर रही होगी अगले साल उसकी जब वह क्लब वर्ल्ड कप होस्ट करेंगे|
फीफा क्लब वर्ल्ड कप 2026-29-30
इसी लॉजिक से जो FIFA फीफा क्लब वर्ल्ड कप 2029 हो रहा है वह होगा स्पेन पुर्तगाल और मोरक्को में क्योंकि फीफा वर्ल्ड कप 2030 इन तीन कंट्रीज में हो रहा है| तो आपको एक एलिट लेवल का कंपटीशन देखने को मिलता है और ऐसा नहीं है जैसे फीफा क्लब वर्ल्ड कप में मान लीजिए कोई फॉक से टीम जीत गई या किसी टीम ने अच्छा नहीं किया था अपनी लीग में|
लेकिन उन्होंने एक अच्छे कप रन के कारण अपनी चैंपियंस लीग जीत ली और उस कारण से वह फीफा क्लब वर्ल्ड कप में आ गए तो अब वह चीज नहीं होगी अब आपको अच्छा खेलना पड़ेगा, अगर आप चैंपियंस लीग जीते तो तो आप क्वालीफायर करेंगे, लेकिन अगर आप अच्छा खेलते हैं आपका कॉफिशिएंट अच्छा रहता है रैंकिंग अच्छा रहता है तो भी आप फीफा क्लब वर्ल्ड कप में शामिल हो सकते हैं|
आपके कंसिस्टेंट परफॉर्मेंस को रिवॉर्ड किया जाता है इस नए फॉर्मेट के द्वारा अब लोग यहां पर कह रहे हैं की बहुत सारी फुटबॉल ऑलरेडी हो रही है प्लेयर्स पर बहुत ज्यादा लोड है देखिए अगर आप इस सीजन की बात देखेंगे तो, लगेगा आपको की बहुत ज्यादा फुटबॉल है अभी इसी साल यूरो हुआ था अब फिर इसके बाद क्लब वर्ल्ड कप है फिर नया सीजन शुरू हो जाएगा|
फीफा केवल रजिस्टर्ड प्लेयर्स ही खेल सकते है
और फिर FIFA फीफा वर्ल्ड कप आ जाएगा तो प्लेयर्स को तो गैप ही नहीं मिल रहा है बिल्कुल भी रेस्ट करने का मौका ही नहीं मिल रहा है, इस बीच में इंटरनेशनल ब्रिक्स होते हैं तो प्लेयर्स रेस्ट कहां करेंगे तो यही है इसका लॉजिक की अब आपको अगर अच्छा परफॉर्म करना है, हर कंपटीशन में तो आपको बहुत बड़ी स्क्वाड रखनी पड़ेगी|
और चेल्सी की जैसे फॉर एग्जांपल बड़ी स्क्वाड अब काम आएगी और ऐसा भी कुछ रूल है कि आप अपनी सेकंड स्ट्रिंग टीम नहीं खीला सकते हैं बच्चे को नहीं खिला सकते सिर्फ चैंपियंस लीग में जो आपका रजिस्टर्ड प्लेयर्स है वही खेलेंगे ऐसा नहीं है कि अकेडमी के बच्चों को भेज कर अपने टूर्नामेंट में निकाल लिया और बचा लिया अपने मेंन प्लेयर्स को इंजर्ड होने से|
मेन टीम खिलानी पड़ेगी आपको इस टूर्नामेंट में दूसरी चीज यह है कि हर 4 साल में होगा तो, वैल्यू बढ़ जाती है क्लब वर्ल्ड कप की पहले तो हर साल होता था कोई ध्यान भी नहीं देता था सबको पता होता था तो लिबर्टो द्वारा इसका विनर जीतेगा या 90% चैंपियंस लीग के विनर को ही जीतना है|
क्योंकि एक प्रॉपर ग्रुप स्टेज है फिर नॉकआउट है अपसेट्स भी आप देख सकते हैं बड़ा कंपटीशन है सीट हाउजरी होगी बहुत ज्यादा साउथ अमेरिकन टीम्स काफी अच्छा करती हैं नॉकआउट कप कंपटीशन में तो अब उनको हलके में नही ले सकते, पहले तो एक ही विनर आता था अब तीन चार पांच छह टीम्स हो रही है साउथ अमेरिका से तो वह परेशान करेंगे नाक में दम करेंगे|
FIFA सबसे बड़ा टूर्नामेंट होने वाला है
एशियाई कनफेडरेशन की टीम है उनको खेलने का मौका मिलेगा ज्यादा टीम्स खेलेंगे आपस में तो एक फ्लेवर आफ कंपटीशन बेहतर होता है, हर चीज जब पहली बार होती है तो हमको लगता है कि यार ये क्यों हो रही है क्या जरूरत थी इसकी क्यों चेंज किया, जैसे चैंपियंस लीग कभी फॉर्मेट था जब चेंज हो रहा था तो सब कह रहे थे क्या जरूरत है चेंज करने की सही तो चल रहा था|
लीग फेज लाने का क्या मतलब है लेकिन अब हम देख रहे हैं तो हमें बड़ा मजा आ रहा है कि यार देखो हर हफ्ते बढ़िया मैच होता है बड़ा एक फिक्सर हमको देखने को मिलता है और कोई भी टीम किसी को भी हरा देती है अब देखो अब मजा आ रहा है अब हम बोलेंगे कि बेस्ट टीम कौन है यूरोप में|
अगर आप ग्लोबल लेवल पर देखेंगे तो यह क्लब वर्ल्ड कप भी वही चीज कर रहा है एक तरीके से तो फॉरमैट चेंज हो रहा है इसलिए हमको तकलीफ हो रही है लेकिन 20 इयर्स डाउन द लाइन जब चार तीन चार क्लब वर्ल्ड कप हो जाएंगे तो हमको मजा आएगा, आने वाले 20 30 साल में टूर्नामेंट काफी बड़ा हो जाएगा क्योंकि अभी अभी इसकी शुरुआत हुई है|
इस वजह से इसकी हाइप कम है और इतना कोई सीरियसली अभी इसको ले नहीं रहा है लेकिन जब 4 साल में एक बार होगी तो उसकी वैल्यू उतनी ज्यादा ही पड़ेगी उतना ही उसका इंतजार रहेगा क्योकि यह एक मेजर ट्रॉफी है और यह टूर्नामेंट जो जीतेगा वह कहलाएगा द बेस्ट क्लब इन द वर्ल्ड, तो उस लिहाज से ये एक बहुत बड़ा कंपटीशन होने वाला है आने वाले टाइम में|