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| Credit @ESPN |
क्या आप लोग Pele Diego Maradona (पेले डिएगो माराडोना) और लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो को जानते हैं| और क्या सुनील छेत्री और बाइचुंग भूटिया का नाम सुनकर अब पहचान सकते हैं कि यह कौन है|
अगर आप स्पोर्ट्स लवर होंगे तो इनके नाम सुनते ही पहचान गए होंगे कि, यह फुटबॉल के सुपर हीरो है| फुटबॉल जो शायद आपका भी फेवरेट स्पोर्ट (खेल) होगा जिसे खेलने में या फिर जिसे देखने में आपको बहुत मजा आता होगा, लेकिन क्या आप को ये मालूम है, कि फुटबॉल गेम सोकर (Soccer Game) भी कहलाता है|
इसे एसोसिएशन फुटबॉल भी कहा जाता है, अगर आप जानते हैं तो आप की स्पोर्ट्स की नॉलेज काफी स्ट्रॉन्ग है| और अगर आपको यह नहीं पता था, तो चलिए इसके बारे में बहुत कुछ आज हम लोग जान ही लेंगे| जो इंटरेस्टिंग होने के साथ-साथ इनफॉर्मेटिव भी है|
फुटबॉल की बॉल में सॉकर की बॉल में अंतर
सबसे पहले तो यही जानते हैं कि फुटबॉल और सॉकर यह दोनों एक ही खेल कैसे है, ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर कंट्रीज (देशो) में इस खेल को फुटबॉल कहा जाता है| जबकि कुछ कंट्रीज इसे Soccer सॉकर कहना पसंद करती है| इंग्लैंड में ओरिजनेट हुए इस खेल को अमेरिका और कनाडा देशो में Soccer सॉकर कहा जाता है|
Credit @Freepik ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका और कनाडा में फुटबॉल का मतलब अमेरिकन फुटबॉल होता है| जो फुटबॉल खेल से काफी सिमिलर एक सामान होते हुए भी एक अलग खेल है| इसे ग्रेटाइम भी कहा जाता है| इस गेम की बाल का सेप यानि आकार भी फुटबॉल गेम की बॉल से डिफरेंट होता है|
और फुटबॉल और अमेरिकन फुटबॉल गेम्स में कोई कंफ्यूजन ना हो इसलिए इन देशो (कंट्रीज) में फुटबॉल को Soccer सॉकर कहा जाता है| और यह सॉकर बोर्ड असल में एसोसिएशन फुटबॉल नाम के संगठन शब्द से आया है, जिसे ब्रिटिश प्लेयर्स ने A Sock और शोकर शब्द की तरह अडॉप्ट किया|
और फिर धीरे-धीरे इसे कब सॉकर Soccer बोला जाने लगा शायद किसी को पता ही नहीं चला, और इसका नाम Soccer सॉकर ही पड़ गया, और अब इस गेम के नाम को लेकर के जो कंफ्यूजन था उसे दूर करने के बाद इस गेम के बारे में कुछ और भी है जिसे हम जानते हैं|
सॉकर 200 साल पुराना खेल है
सॉकर या फुटबॉल जो चाहे आप कह लीजिए यह वर्ल्ड के मोस्ट पॉपुलर टीम स्पोर्ट्स में से एक है| यह सपोर्ट स्पीड स्ट्रैंथ और स्किल का गेम है| और आज स्कूल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर इस गेम को खेला जाता है|
Credit @Vintage American Football और इसके खेलने वालों में मैन और वूमेन दोनों शामिल होते हैं| इस गेम में दो टीम्स कोम्पीट करती है ज्यादा प्वाइंट्स स्कोर करने के लिए इन पॉइंट्स को गोल कहते हैं| और जो टीम ज्यादा गोल करती है वही विनर होती है| मोस्ट पापुलर स्पोर्ट्स में शामिल सॉकर काफी पुराना खेल भी है|
क्योंकि इसे तो 200 साल पहले चीन में भी खेला जाता था| और इसी तरह के गेम्स असिएंट ग्रीस रोम जापान और मेक्सिको में भी खेले जाते थे| लेकिन मॉडर्न सॉकर गेम को इंग्लैंड में शुरू किया गया जब साल 1863 में बहुत सी इंग्लिश सॉकर टीम ने मिलकर के फुटबॉल एसोसिएशन यानी कि FA बनाया|
एफ ए ने ही फर्स्ट स्टैंडर्ड सेट ऑफ रूल्स बनाएं इससे पहले तो सॉकर गेम के लिए कोई रूल्स ही नहीं हुआ करता था, और अब रूल्स तो बन गए लेकिन एफ ए इसे प्रोफेशनल फील नहीं दे पाया, क्योंकि इस आर्गेनाइजेशन के प्लेयर्स को पेमेंट नहीं किया जाता था|
फीफा का पहला वर्ल्डकप
तो ऐसे में 1880 में प्रोफेशनल सॉकर लीग शुरू हुई जो सबसे पहले इंग्लैंड में शुरू हुई, और फिर अदर कंट्रीज में और ऐसे 1900 आते-आते पूरी दुनिया में सॉकर खेला जाने लगा| और फिर साल 1904 में फीफा बना यानी फेडरेशन इंटरनेशनल डे फुटबॉल एसोसिएशन जो इंटरनेशनल लेवल पर इस गेम को गवर्न करता है|
Credit @OdishaTV इसका हैड क्वार्टर जुरिच स्विट्ज़रलैंड में है फीफा FIFA ने फर्स्ट वर्ल्ड कप टूर्नामेंट ऑर्गेनाइज्ड किया साल 1930 में जिसमें विनर बना उरुग्वे और फर्स्ट वूमेन'एस वर्ल्ड कप ईयर 1991 में जिसे यूनाइटेड स्टेट्स ने जीता साल 1930 से फीफा FIFA हर चार साल में एक बार वर्ल्ड कप ऑर्गेनाइज्ड कर रहा है|
शिवाय साल 1942 और साल 1946 के क्योंकि इस टाइम सेकंड वर्ल्ड वॉर की वजह से वर्ल्ड कप ऑर्गेनाइज्ड नहीं किया गया था| ओलंपिक गेम्स में फुटबॉल इंक्लूड हुआ साल 1908 में और आज इसकी पापुलैरिटी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि 200 से भी ज्यादा कंट्रीज में 250 मिलियन से भी ज्यादा प्लेयर्स के साथ सॉकर Soccer या फुटबॉल गेम वर्ल्ड का मोस्ट फेमस फुटबॉल गेम बन गया है|
और जहां तक इंडिया में इसकी पापुलैरिटी की बात है तो प्लेयर्स पार्टिसिपेशन और टीवी व्यूअरशिप में क्रिकेट और कबड्डी के बाद फुटबॉल का ही नंबर आता है| इंडिया में फुटबॉल की मैन और वूमेन टीम्स भी है, AIF यानी ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन इंडिया में इस गेम के लिए गवर्निंग बॉडी है|
फुटबॉल का फिल्ड कितना बड़ा होता है ?
तो यानी इंडिया में भी इस खेल को चाहने वाले बहुत लोग हैं, लेकिन यह गेम कहां और कैसे खेला जाता है चलिए अब इसे भी जान लेते हैं| यह गेम दो टीम के बीच में खेला जाता है और हर टीम में 11 प्लेयर्स होते हैं और 7 सब्सीट्यूट प्लेयर्स हो सकते हैं|
Credit @Adob Stock इस खेल को एक बड़ी ग्रास फील्ड पर खेला जाता है जो नेचुरल या आर्टिफिशियल ग्रास हो सकती है|इस फिल्ड का रैक्टेंगुलर शेप होता है, और इस फिल्ड को पिच कहते हैं| पिच अक्सर 100 टू 120 यार्ड यानी एप्रॉक्स 91टू 110 मीटर तक लम्बा और 60 टू 80 यार्ड यानी लगभग 55 टू 73 मीटर तक चौड़ा होता है|
इसमें थोड़ा वेरिएशन भी आपको मिल जाता है पिच की हर एंड पर एक गोल होता है इसकी टॉप साइट्स और बैक पर नेट लगी होती है| फील्ड की बाउंड्री लाइन से ड्रॉ होती है लम्बी बाउंड्री लाइंस को टच लाइंस कहते हैं| और शार्टर बाउंड्रीज जिन पर गोल होते हैं उन्हें गोल लाइंस कहते हैं|
फील्ड के मिडिल में सेंट्रल लाइन होती है और फील्ड के एकदम सेंटर में सेंटर सर्कल होता है| पिच पर प्लेयर्स राउंड सॉकर बॉल को किक करते हुए मूव करते हैं, इस गेम में प्लेयर्स अपने हाथ और आर्म्स का इस्तेमाल नहीं कर सकते और इनके अलावा बाकी बॉडी पार्ट्स से बाल को मूव कर सकते हैं|
फुटबॉल खेल के नियम
और केवल गोलकीपर ही अपने हाथ और आर्म्स का इस्तेमाल कर सकता है, वह भी कुछ सर्टेन पोजीशंस पर बॉल को मूव करते हुए जब एक टीम ऑपोजिंग टीम के गोल में बॉल डाल देती है तब उस टीम को स्कोर मिलता है और जो टीम 90 मिनट के टाइम में सबसे ज्यादा गोल स्कोर करती है वह मैच की विनर बन जाती है|
Credit @Jagran अब यूं तो हर टीम जीतने के लिए ही खेलती है, लेकिन कई बार गेम टाई भी हो जाता है| फुटबॉल की एक मैच में 45 मिनट के 2 हाफ्स होते हैं, और उनके बीच में 15 मिनट का एक रेस्ट पीरियड भी होता है| इस मज़ेदार खेल में खिलाडी की 4 क्लासेस होती है|
1.गोलकीपर जो दूसरी टीम को गोल करने से रोकने की कोशिश करते हैं|2. डिफेंडर्स जो अपने गोल को प्रोटेक्ट करते हुए सामने वाली टीम को स्कोर करने से रोकते हैं|3. मिडफील्डर जो डिफेंडर्स और स्ट्राइकर के बीच होते हैं और स्ट्राइकर को बॉल पास करके स्कोर बनाने की कोशिश करते हैं|
यह प्लेयर्स गोल को डिफरेंट करने में डिफेंडर्स की हेल्प करते हैं और स्कोर बनाने में स्ट्राइकर की और 4.स्ट्राइकर जिन्हें फारवर्ड या अटैकर्स भी कहा जाता है| उनका टारगेट ऑपोजिट टीम के गोल में बॉल किक करके गोल स्कोर करने का होता है|
किक ऑफ क्या होता है ?
और इस तरह यह चारों तरह के प्लेयर्स मिलकर के अपने गोल को प्रोटेक्ट करते हैं और दूसरी टीम के गोल में बॉल किक करके स्कोर गेम करने की कोशिश में लगे रहते हैं| ऐसा ही अपोनेंट टीम के प्लेयर्स भी कर रहे होते हैं इस गेम में कैप्टन भी अपॉइंट होता है, जिसकी रिस्पांसिबिलिटी गेम की शुरुआत में होने वाली कॉइन टॉस में पार्टिसिपेट करने की होती है|
Credit @iStock इस टॉस के बाद एक कीकऑफ से सॉकर गेम शुरू होता है किकऑफ का मतलब गेम को स्टार्ट करने वाला किक इस कॉइन टॉस के अलावा पैनेल्टी किक्स के लिए भी कप्तान ही रिस्पांसिबल होता है| इस गेम में एक बड़ी से ग्राउंड में बॉल को किक करते हुए ओपोनेन से बचते बचाते स्कोर करने की कोशिश में कई बार प्लेयर्स कुछ गलतियां भी कर देते हैं जिन्हें फाउल कहते हैं|
ऐसा करने से गेम की रूल ब्रेक होते हैं इसलिए गेम का रेफरी उस प्लेयर को येलो कार्ड या रेड कार्ड दिखा सकता है, येलो कार्ड वार्निंग के लिए होता है और रेड कार्ड का मतलब होता है प्लेयर को उसे गेम से डिसमिस कर दिया जाता है|
और रेफरी का रोल इस गेम में इतना इंपोर्टेंट होता है कि इस गेम में रूल्स को फॉलो करवाने की फुल अथॉरिटी रेफरी के पास ही होती है| उसका डिसीजन ही फाइनल होता है इस गेम में रेफरी की मदद के लिए दो असिस्टेंट रेफरी भी होते हैं|
फुटबॉल में बेसिक रिक्वायर्ड इक्विप्पमेंट
यह गेम काफी पॉपुलर तो है ही बहुत स्टेमिना और एनर्जी से भरा गेम भी है इसे खेलने के लिए रूल की नॉलेज तो आपको होनी ही चाहिए साथ ही राइट इक्विपमेंट और रिक्वायर्ड स्किल के बारे में भी पता होना चाहिए इसलिए आपको बता दे की सॉकर प्लेयर के पास एक सॉकर बॉल के अलावा अपनी टीम की जर्सी शॉट लोंग सॉक्स शिन गार्ड और एप्रुपरिएट फुटवियर होने चाहिए|
इस Soccer गेम के लिए बेसिक रिक्वायर्ड इक्विपमेंट है जो एक खिलाडी के पास होने ही चाहिए और कुछ बेसिक स्किल्स जिनकी नॉलेज होना जरूरी है, वह होती है बॉल को पास करना गोल स्कोर करना और स्पेस का ध्यान रखना बॉल पास करना इस गेम की मोस्ट बेसिक स्किल है|
Credit @Private soccer Traning इसमें फुट के अंदर के फ्लैट हिस्से से बॉल को पुष करना होता है ताकि बॉल उस डायरेक्शन में ही आगे बढ़े जहां प्लेयर उसे अपनी टीम मेंबर को पास करना चाहता हो, गोल स्कोर करना तो इस गेम का परपस ही है क्योंकि जिसने ज्यादा गोल स्कोर किया वहीं विनर होता है|
इसलिए इस स्किल का मास्टर बनना जरूरी है और इसके लिए प्रैक्टिस की जरूरत होगी इसके लिए गोल के सामने रहते हुए प्रैक्टिस करनी चाहिए और फुट के अंदर के हिस्से से बॉल को स्ट्राइक करना चाहिए इसी तरह स्पेस का ध्यान रखकर उसे सही समय पर इस्तेमाल करना भी एक कला है|
सॉकर गेम के लिए फिट रहना बहुत जरुरी है
जो खिलाडी इस स्किल को इस्तेमाल करना जानते हैं वह आसानी से बॉल को अपने टीम मेंबर को पास भी कर पाते हैं| गोल तक भी ले जा पाते हैं और अपोनेंट टीम प्लेयर्स को हावी भी नहीं होने देते तो इन बेसिक स्किल्स पर फोकस करने के अलावा इस गेम को खेलने के लिए फिट होना भी जरूरी है|
और प्रॉपर ट्रेनिंग लेना भी जरूरी है तभी से एनर्जी और पैशन से भरपूर गेम को जी भरकर खेला जा सकता है एंजॉय किया जा सकता है और इसमें अपना नाम बनाया जा सकता है| तो क्या आप भी सॉकर प्लेयर है या बनना चाहते हैं|

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