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कंधों पर करोड़ों की उम्मीदों का बोझ वह उम्मीदें जो हर बार मैदान पर उतरने से पहले एक नई कहानी लिखने का सपना देखती हैं, मगर उस कंधे में छुपा हुआ दर्द जो हर बार याद दिलाता है यह रास्ता इतना आसान नहीं है|
वो खिलाड़ी जिनकी तेज रफ्तार से बल्लेबाजों की सांस थम जाती है,उनकी योर्कर से स्टम्प बिखर जाते हैं| जिनके हर स्पेल पर स्टेडियम झूम उठता है, मगर जितनी तेजी से आसमान की ऊंचाइयां छूते हैं उतनी ही बेरहमी से किस्मत उन्हें जमीन पर पटक देती है|
हर बार आखिर क्यों सबसे खास खिलाड़ियों को ही बार-बार सबसे कठिन इम्तिहान से गुजरना पड़ता है, क्यों उनके सपनों की उड़ान इतनी ऊंची होती है कि, गिरने पर सबसे ज्यादा चोट भी उन्हीं को लगती है|
बड़े गेंदबाज बड़े मैच क्यों चूक रहे है
चलिए जानते है उन अधूरी कहानियां को जो सिर्फ आंकड़े नहीं बल्कि करोड़ों दिलों की धड़कन है, हम तो क्रिकेट के फैन हैं जिनकी धड़कनें भी चौक चाको की रफ्तार से धड़कती है दिन हो या रात उठते बैठते सिर्फ और सिर्फ क्रिकेट ही चलता है दिमाग में जरा सोचिए भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट मैच चल रहा है|
इस मैच में जसप्रीत बुमराह को आराम दिया गया है और दूसरी तरफ जोफ्रा अर्चर चार साल बाद इंग्लैंड की टेस्ट टीम के स्क्वाड में तो लौटे, लेकिन वह भी खेल नहीं रहे तो आखिर क्या बात है|यह वही तो फ़ास्ट बोल्लर्स है जिन्हें हम और आप 24 घंटे भी देखें तो बोर नहीं होते|
लेकिन जितनी बार हमारी आंखे इन्हें मैदान पर देखने के लिए तरसती उतनी बार उनकी मौजूदगी से ज्यादा उनकी गैर मौजूदगी नसीब होती है| अब यकीन मानिए यह कमी सिर्फ हमें ही नहीं खलती उनकी टीमों और सबसे बढ़कर उन्हें भी तकलीफ देती होगी, लेकिन करें भी तो क्या करें मजबूरी है|
बॉर्डर गावस्कर ट्रोफी याद है जब बुमराह आखिरी टेस्ट में इंजर्ड हो गए थे तब डॉक्टर ने साफ-साफ कह दिया था अगर लोअर बैक में एक और चोट लगी तो करियर ख़त्म समझो BCCI को साफ चेतावनी दी गई थी की खिलाडियों को संभाल कर इस्तेमाल करें फिर भी बुमराह ने कम बैक किया|
फिटनेश का मामला
और आते ही 43.4 ओवर झोक दिए अब सिर्फ 7 दिन के गैप के बाद उनका दूसरा टेस्ट ना खेलना बहुत से लोगों को चुभ रहा है, एक बुमराह फैन के तौर पर हमें भी दुख है और थोड़ा गुस्सा भी लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के सच्चे फैन की तरह बूमराह को लम्बी पारी खेलते देखने की उम्मीद हमें इस फैसले में तसल्ली भी देती है|
सच कहे तो बुमराह की बॉडी वैसी नहीं है जो लगातार पांच टेस्ट खेल पाए इन्हे सच में संभाल कर खेलना ही होगा अब ऐसी ही कहानी है जोफ्रा आर्चर की मगर सिर्फ बुमराह और आर्चर ही क्यों?
आज हम बात करेंगे क्रिकेट के उन खिलाडियों की जो टैलेंट में अव्वल है मगर फिटनेस के मामले में कब फट जाए कोई नहीं जानता और इस लिस्ट की शुरुआत करते हैं उस खिलाड़ी से जो अगर अपने दम पर हो तो सामने वाली टीम को मैच में बने रहने लायक भी नहीं छोड़ता मिचल मार्स ऑस्ट्रेलिया का वह हरफन मौला जिसकी क्लीन हिटिंग देखकर स्टेडियम की बाउंड्री भी छोटी लगने लगती है|चाहे ओपन करवा लो चाहे नंबर तीन तो भेज दो ये बंदा परफॉर्म करना जानता है|
लेकिन दिक्कत वही पुरानी बार-बार की मेहमान चोटे जरा सोचिए 2022 की शुरुआत में पाकिस्तान दौरे पर गए तो हिप इंजरी हो गई पूरी सीरीज की आईपीएल की शुरुआत ठीक होकर के लौटे तो जिंबॉब्वे में एंक्ल इंजरी फिर ठीक हुए वर्ल्ड कप खेले वहां सब बढ़िया लेकिन लौटे तो बिग बैश में फिर से चोट कुछ दिन खेल पाते हैं फिर मेडिकल टीम के हवाले हो जाते हैं|
1- मिचल मार्स
बोर्डर गावस्कर ट्राफी खेले फिर इंजर्ड हो गए आईपीएल में आए भी तो आधी फिटनेस के साथ जहा सिर्फ बैटिंग कर सकते थे बोलिंग नहीं असल में उनके पूरे करियर की कहानी जब देखो चोट ने जकड़ रक्खा है मिचल मार्स जितनी ऊंचाई तक जा सकता था वहां तक पहुंच ही नहीं पाया|
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credit @Cricket Times |
मगर यही सबसे बड़ा सवाल है क्या अब इन्हें बॉलिंग पूरी तरीके से छोड़ देनी चाहिए या फिर ऑडीआई जैसे फॉर्मेट में सिर्फ चार पांच ओवर के छोटे छोटे स्पेल डाले ये फैसला अब ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट को करना होगा ताकि मार्क्स जैसे मैच विनर को मैदान पर लंबा खेलते देख सके|
अगर आप ODI वर्ल्ड कप के इतिहास में सर्वाधिक विकेट लेने वाले टॉप फाइव गेंदबाज देखेंगे तो उसमे मात्र एक ही भारतीय नाम मिलेगा, मोहम्मद शमी जिन्होंने सिर्फ 18 मैचो में 55 विकेट लिए है बेस्ट एवरेज सबसे ज्यादा फॉर पर सबसे ज्यादा फाइब पर उनसे ज्यादा एक विकेट लेने वाले मलिंगा ने भी उनसे 11 मैच ज्यादा खेले है|
2- मोहम्मद समी

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और 10 विकेट ज्यादा लेने वाले स्टार्क ने भी 10 मैच लेकिन यह बंदा ना जाने क्या खाकर के वर्ल्ड कप खेलने आता है आप यही सोच रहे हैं इसका जवाब है भर भर के पेन किलर्स और ढेरो इंजेक्शन फैंस मजे में थे और यह दर्द में कितने दुख की बात है 2015 में वर्ल्ड कप खेलने का ऑस्ट्रेलिया चले गए लेकिन थाई और टांगो का साइज बराबर था|
2023 वर्ल्ड कप भी दर्द में खेल के फाईनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एनकल इंजरी जिसकी सर्जरी करनी पड़ी 14 महीने क्रिकेट खेलने नहीं आए,इस साल चैंपियन ट्रॉफी में आते ही फाईबर बहुत अच्छा किया लेकिन फिर चंद आईपीएल मैचो में इंजर्ड हो गए|
विश्व क्रिकेट में भी इनका फ्यूचर नजर नहीं आ रहा 2 साल हो चुके हैं टेस्ट मैच खेले हुए उनकी उम्र भी अब लेट 30 को जा रही है ऐसे में भारतीय टीम को मैनेजमेंट को यह डिसाइड करना होगा कि इन्हें कब कहां और कितना खिलाना है, क्योंकि हमारे पास यंगएस्टर के नाम पर भी कोई ब्रेट ली शेन बॉन्ड तो है नहीं अच्छा होगा अगर इन्हें डायरेक्ट आईसीसी टूर्नामेंट में सबसे पहले एक सीरिज या बेस कीमती मैच ही खिलाए जाए ताकि इनकी फिटनेस बनी रहे और करियर भी|
3- मथिषा पथिराना
मई 2023 की जो क्रिकेट के वन ऑफ द मोस्ट ब्रिलिएंट ब्रेन वन ऑफ द ग्रेटेस्ट फिनिशर और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जो समय सीएसके के कप्तान भी थे उन्होंने कहा कि वह गेंदबाज़ रेड बॉल क्रिकेट के नजदीक भी ना जाए मुझे नही लगता की वो ज्यादा रेड बॉल क्रिकेट खेल पाएगा उसे कम से कम ओडीआई क्रिकेट खेलना चाहिए तभी वह आईसीसी टूर्नामेंट खेल पाएगा|
मगर उसके अपने देश वालो ने धोनी की बात नहीं मानी और खामियांजा भूकता जब वो 2023 वर्ल्ड कप में चोटिल हो गया, नाम मथीषा पथिराना मलिंगा की कमी पूरी करना और एक बार फिर बल्लेबाजों को डोमिनेट कर ऐसी गेंदबाजी करना जिसने बल्लेबाजों को नाको चने चबावा दी 150 प्लस की गति जो यह आराम से डाला करते हैं|
काफी प्रभावित की अपनी एक्यूरेसी प्लस वन प्लेबल योर्कर जिन्हें खुद किरण पोलर्ड ने भी तालियां मार करके अप्रिशिएट किया था जब वह बैटिंग कर रहे थे गेंदबाज तो शानदार अच्छे आछो को बीट करके आउट करता है इसमें कोई डाउट नहीं लेकिन दिक्कत है इंजरी ऐसा अजीबो गरीब एक्शन जो शरीर की हार्नेश को खिंच कर उखाड़ फेंकता है|
मगर ऐसी दो धारी तलवार उनके शरीर पर भी काफी लोग डाल रहा है ऐसे गेंदबाज नेचुरल होते है जो कभी बदलते नहीं तभी तो जब रिदम में होते हैं तो बल्लेबाज के पास कोई जवाब नहीं होता उनकी बुलेट का खास तौर पर डेथ बोलिंग का लेकिन अगर इन्हें जरूर से ज्यादा इस्तेमाल कर लिया तो फिर व्हाइट भी खूब डालते हैं|
बढ़ती उम्र और इंजरी के साथ इनकी इफेक्टिवनेस विकेट टेकिंग एबिलिटी जाती रहती है जैसे यसित मलिंगा करियर की शुरुआत में क्या थे और जाते-जाते क्या रह गए थे, मुझे इसी बात का डर लग रहा है| क्योंकि अभी उनके आगे भी मैच 22 साल करियर बहुत पड़ा है दूसरा एक्शन से दिक्कतें पैदा हो रही जो हमने 2023 वर्ल्ड कप में देखा|
बड़े मंच पर प्रेशर दिशा से भटक जाना कितने एक्स्ट्रा दिए और आखिरकार ब्रेकडाउन हो गए पूरा वर्ल्ड कप ख़त्म हो गया क्योंकि यह बाहर हो चुके थे,श्रीलंका क्रिकेट को इस समय सख्त जरूरत है इनको संभाल कर रखने की बहुत सोच समझ कर इनको मुकाबला खिलाने होंगे जिन्होंने 2023 वर्ल्ड कप के बाद बखूबी किया वरना थोड़ी सी चूक और उनके करियर कि सेड एंडिंग|
4- जोफ्रा अर्चर
2019 में जब बारबाडोस का एक लड़का इंग्लैंड के लिए डेब्यू कर रहा था तब से फैंस को एक बेहत ही, एक्साइटिंग फास्ट बॉलर लगता था ऐसा महारथी जो 15 कदम के धीरे-धीरे 150 प्लस की स्पीड पर गेंद डालता था योर्कर ऐसी ख़तरनाक या तो स्टंप टूटते थे या फिर पैर, बाउंसर इतनी तीखी जिसने किसी का मुंह तोड़ा और किसी का हेलमेट|
टैलेंट इतना था की इंग्लैंड का सबसे विस्वसनीय और फ्रंटलाइन बॉलर बन गया,इतना की 2019 वर्ल्डकप फाइनल का सुपर ओवर तक डाल दिया एक्सपीरियंस गेंदबाजों के बावजूद वह भी कहते थे कि होगा तुम्हारे पास तुमरा हमारे पास भी आर्चर है|
उस समय आर्चर का आतंक था स्मिथ को कणकस लाबुसेन को आते ही मुह पर बॉल अगर बुमराह से ज्यादा नही तो उनसे कम भी नहीं थे, 2018-19 वाले आर्चर जो सफलता कुछ ही समय में उन्होंने व्हाइट बॉल और रेड बॉल क्रिकेट मैच में अर्जित की|किसी को कोई सक नही था|आने वाले 5 साल में यह कितना आगे निकल जाएंगे टैलेंट की कोई कमी नहीं थी|
लेकिन इनजरी थी होलसेल में थी 2021 में भारत आए थे टेस्ट खेलने तो उसके बाद कोनी फ्रैक्चर होकर पूरा साल बाहर हो गए दिसंबर में सर्जरी करें मार्च 2022 तक बाहर फिर चोटिल हो गए स्ट्रक्च फेक्चर, कमर में चोट इंग्लैंड बोर्ड की यहां पर तारीफ बनती है जिन्होंने बहुत बैक किया हमेशा सपोर्ट की ऐसे मुंबई इंडियंस ने 2022 में इन्हें चोटिल होते हुए भी खरीदा|
और देख इंजरी किसी को भी खुशी से नहीं होती यह टाइम ज्यादा फ्रस्ट्रेटिंग था कि अर्चर ने यह तक कह दिया अगर यह चोटे ख़त्म नही हुई तो मै रीटायरमेंट ले लूँगा 3 साल ख़राब होने के बाद 2024 में जाकर उन्होंने कहीं खेलना शुरू किया अगर कहीं चोटे ना हुई होती तो आज यह नम्बर वन नही तो 2 या 3 पर तो होते ही
रैंकिंग्स में|
और इन्हें सावधानी से यूज करना होगा क्योकि यह कभी भी इन्हें कोई भी चोट लग सकती है,तभी तो 16 साल की करियर में आज तक मात्र 13 टेस्ट 31 ओडीआई और 34 T20 ही नसीब हुई,और 100 इंटरनेशनल मैच भी नही खेल पाए|
और यह बहुत दुख की बात है इसलिए तो यह बेशक स्क्वाड में लौटे है पर एकदम से इंटरेस्ट नहीं किया क्योंकि ऐसे बॉलर्स को आप लिमिटेड ही खिला सकते हैं|वेबाल्टी का कोटा एक समय के बाद खत्म हो जाता है| आज के समय में अगर सवाल आए की तीनो फोर्मेट का सर्वस्रेस्ट प्लेयर कौन है जो क्रिकेट का कोई सा प्रारूप खेल सके|
5- जसप्रीत बुमराह
परफॉर्मेंस करके ही देगा तो बिना किसी डाउट के आपका जवाब होगा जसप्रीत बुमराह|एक स्टेट्स के मुताबिक 2024 से लेकर 2025 जून तक भारतीय बोलिंग अटैक ने टेस्ट क्रिकेट में कुल 80 विकेट ली और अकेले बुमराह ने 81 व गेंदबाज जो डेड वर्ल्ड कप में शुरुआती विकेट झटक सकता है|
जो T20 का आखिरी ओवर में छह रन डिफेंड कर सकता है जो 26 गेंद में अगर 24 रन भी चाहिए सामने तो अपनी गेंदबाजी के दम पर हारी बाजी पलट सकता है| लेकिन अगर किसी खिलाड़ी को जरूरत है कम से कम खेलने की तो वह भी जसप्रीत बुमराह ही है कारण वर्कलोड ऐसा नहीं उनके डॉक्टर और एमसीए कह रही है तभी तो गौतम गंभीर किसी समय वर्क लोड में बिलीव नही करते थे|
उनका कहना था कि आपका काम है भारत के लिए खेलना आओ खेलो चोटिल हो गए तो हो गए बुमराह का हाल देखकर उन्हें भी मजबूरी में अपनी इस स्टोरी को छोड़ना पड़ा, क्योंकि मानिए या ना मानिए हमने जरूरत से ज्यादा इन्हें इस्तेमाल कर दिया है| जिसका बेस्ट एग्जांपल था बॉर्डर गावस्कर ट्राफी मैच बाई मैच देख लीजिये पहला मैच जस्सी ने सबसे ज्यादा 30 ओवर डाले|
और अगला मैच 34 ओवर और चौथे मैच में सारी हदे पार हो गई 53.2 ओवर यानी जितने पहले और दूसरे मैच में कंबाइन डाले थे उससे सिर्फ चार गेंदे कम वो इतने एक्सटेंडेड स्पेल कराई जिसने लिटरेरी उनकी कमर तोड़ दी, वो चाल देखकर के साफ-साफ पता चल रहा था और दूसरी बात उनको बार-बार लोअर बैक में इंजरी हो रही है|
बड़ी सर्जरी बुमराह पहले ही करा चुके है डॉक्टर भी मना करते हैं दोबारा ऑपरेशन के लिए और हम कैसे सेल्फिश लोग हैं इन सब के बाद उनके चम्पियन ट्राफी खेलने की सोच रहे थे पहले आईपीएल भी पूरा नहीं खेले 12 मैच ढ़ाई महीने की टूर्नामेंट में कोई 47.2 ओवर डाले लेकिन पहले मैच में 43.4 ओवर 5 दिन खेलना 90-90 ओवर फील्डिंग करना|
पहली पारी में फाईबर लिया और अब फिर वही गलतिया क्यों दोहराह रहे हो , पिछले 2 साल में भारत के लिए सर्वाधिक ओवर डाले हैं तीनों ही फोर्मेट में 63.5 ओवर मैनेजमेंट और बीसीसीआई को संभल जाना चाहिए क्योंकि अभी भी शायद वक्त है अगले 6-7 साल इन्हें ठीक से यूज कर लीजिए सोच समझकर के खिलाए|
और जो कह रहा है ना क्यों मिस किया यह मैच तो बीसीसीआई को वार्निंग मिल चुकी है NCA से भूलकर भी तीन टेस्ट इकट्ठे मत खिला देना तो यह है सारा मसाला तो अगर इन खिलाड़ियों को कोई ऐसी जादू की छड़ी मिल जाती जिससे उनकी इंजरी कम की जा सकती थी तो आज भी अपने करियर में निश्चित होते|